पावर IC
पावर IC का काम है मोबाइल के प्रत्येक विभाग को सप्लाई देना। पावर IC से सिम कार्ड भी जुडा होता है। सिम की सूचना पावर IC को ही दी जाती है। अर्थात किसी मोबाइल में यदि Insert Sim का Fault है तो इसका कारण सिम IC भी हो सकती है।
चार्जिंग IC
मोबाइल मे लगी बैटरी को चार्ज करना चार्जिंग IC का काम है। पहले चार्जिंग IC को Fuse और Coil द्वारा 7.2 v Dc चार्जर से दिया जाता है। तब चार्जिंग IC से 3.2 v Dc निकलता है जो बैटरी कनेक्टर को जाता है जिसकी मदत से बैटरी चार्ज होती है। सभी चार्जिंग IC से 3.2 v Dc ही निकले जरुरी नही यह Voltage कम भी हो सकता है।
मोबाइल के पार्टस् (MOBILE PARTS) के बारे मे जानिए
कोबा IC
स्पीकर, माइक तथा handsfree को चलाने का काम कोबा IC करती है। कोबा IC को काम करने के लिये पावर IC की मदत की जरुरत होती है। क्योकी पावर IC से ही सप्लाई आता है। कोबा IC की खराबी से मोबाइल मे स्पीकर, माइक तथा handsfree की समस्या होती है।
लॉजिक IC
लॉजिक IC वायब्रेटर रिंगर तथा LED को ऑपरेट करती है। इस IC को काम करने के लिये बैटरी के +ve से डायरेक्ट सप्लाई आता है। इस IC मे 20 पिन है जिसमे से कोबा IC Pin no. 1 को बैटरी के +ve से डायरेक्ट सप्लाई आता है।
Pin No. 6 रिंगर को जाता है।
Pin No. 9 डिसप्ले LED को जाता है।
Pin No. 16 वायब्रेटर को जाता है।
मोबाइल फोन का ब्लॉक डायग्राम और मोबाइल पार्ट्स के फुल फॉर्म जानिये
पीएफओ IC
इस IC का काम कमजोर नेटवर्क सिग्नल को मजबूत करना है इसलिए इसे नेटवर्क एम्पली फायर IC कहते है। इस IC को काम करने के लिये बैटरी के +ve से डायरेक्ट सप्लाई आता है। और HAGAR IC से नेटवर्क सिग्नल कमजोर आता है जिसे PFO IC मजबूत करता है। PFO IC शोर्ट हो जाये तो मोबाइल बंद हो जाता है क्योकी PFO IC शोर्ट होने पर बैटरी की सप्लाई Zero हो जाती है और पावर IC की भी सप्लाई Zero हो जाती है।
नेटवर्क जनरेटर IC - HAGAR IC
यह IC मोबाइल मे नेटवर्क लाने मै मदत करती है। इसलिए इसे नेटवर्क जनरेटर IC कहते है। इसे काम करने के लिए पावर IC से ही सप्लाई आता है। और Antina से RF सिग्नल तथा कोबा IC से AF सिग्नल आता है। दोनो को मिलाकर IF सिग्नल बनाया जाता है। ये कमजोर नेटवर्क होता है। उसे मजबूत कारने के लिए PFO IC को दिया जाता है।
CDMA क्या है? CDMA v/s GSM का Difrent
फ्लॅश IC
इस IC का काम है मोबाइल मै लोड होने वाले प्रोग्राम को पहचानना जिसे हम रेकगनाइज कहते है। क्योकी मोबाइल मे लोड होने वाले प्रोग्राम FLASH IC द्वारा पहचाने जाते है। FLASH IC को काम करने के लिए पावर IC से सप्लाई आता है।
रॅम IC
RAM IC लोड प्रोग्राम को याद रखने का काम करता है। जैसे Contact, call Resistor, Massage इत्यादी को लोड करना।
VOLTE ,GPRS ,GPS ,Wi-Fi , Bluetooth और Wap के बारे मे पुरी जानकारी
Non Electrolytic Capacitor (नॉन इलेक्ट्रॉलायटिक कैपेसिटर)
इस कैपेसिटर को साधारण कैपेसिटर, नॉन पॉलर कैपेसिटर के नाम से भी जाना जाता है मोबाइल के PCB पर यह ज्यादातर सभी पार्ट्स सेक्शन में लगे होते है खासकर नेटवर्क सेक्शन में यह अन्य सेक्शन की तुलना बहुत अधिक लगें होते है । कई टेक्निशियन इसे PF भी बोलते है । नॉन इलेक्ट्रॉलायटिक कैपेसिटर PCB प्लेट पर हल्के काले, पीले और भुरें कलर के होते है, इनकी दोनों साइड की स्ट्रीप सफेद कलर की होती है । ये कैपेसिटर Resistance से थोड़े बड़े होते है पर इलेक्ट्रॉलायटिक कैपेसिटर इससे कई ज्यादा बड़े होते है । इनका कार्य सिग्नल फिल्टर और DC (Direct Current) को करना होता है । ये कैपेसिटर खराब होने पर मोबाइल के PCB पर थोडे प्रॉब्लेम आते है । जैसे खराब हुआ नॉन इलेक्ट्रॉलायटिक कैपेसिटर जिस पार्ट्स से जुड़ा हुआ था उसे DC करेन्ट और ट्रॅक सिग्नल ना मिलने के कारण वो काम करना बंद कर देता है ।
मोबाईल फोन के एक से चार जनरेशन कि जानकारी
Electrolytic Capacitor (इलेक्ट्रॉलायटिक कैपेसिटर)
इस कैपेसिटर को पॉलर कैपेसिटर के नाम से भी जाना जाता है यह मोबाइल के PCB पर अक्सर किसी भी सेक्शन में लगा हो सकता है लेकिन अधिकतर सेट्स में यह बैटरी कनेक्टर के आस पास ही लगा होता है । कई टेक्निशियन इसे फिल्टर भी बोलते है । इलेक्ट्रॉलायटिक कैपेसिटर PCB प्लेट पर दो कलर में मिलता है काले और पीलें कलर में । इस कैपेसिटर के कालें कलर के साथ सफेद स्ट्रीप होती है और पीले के साथ भुरी स्ट्रीप बनी होती है ये नॉन इलेक्ट्रॉलायटिक कैपेसिटर से कई ज्यादा बड़ा होता है । इनके निम्न कार्य करंट को फिल्टर करना और स्टोर करना होते है । ये कैपेसिटर खराब होने पर मोबाइल के PCB पर थोडे प्रॉब्लेम आते है । जैसे इलेक्ट्रॉलायटिक कैपेसिटर खराब होने पर इससे संबंधित जुड़े सभी पार्ट्स को करंट ना मिलने पार्ट्स काम करना बंद कर सकते है ।
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Boost Coil (कॉइल)
अधिकतर मोबाइल के डिस्प्ले में लगी लाइट को करेन्ट बडकर मिलना Boost Coil द्वारा ही होता है । ये खराब होने पर डिस्प्ले स्क्रीन में लाइट नही जल पाती है क्योंकि उसे करेन्ट नही मिल पा रहा है । PCB पर इसकी पहचान करना बहुत ही आसान है PCB पर इसकी पहचान इस प्रकार से कर सकते है । सामान्यता: यह कॉइल से कई गुना बड़ी होती है । PCB पर यह एक बटन की तरह दिखाई देती है । इसका रंग काला होता है । Boost Coil का काम Current Voltage को फिल्टर करना । और Current Voltage को अधिक करके फिल्टर करना । Boost Coil के खराब हो जाने पर इससें Connected पार्ट को करेन्ट वॉल्टेज जितना चाहियें उतना ना मिल पाने के कारण proper work करना बंद कर देता है या खराब हो जाता है ।
RX और TX Filter
RX और TX Filter दोनों ही मोबाइल के PCB पर नेटवर्क सेक्शन लगें होते है । ये अक्सर Incoming और Outgoing Frequency को फिल्टर करने का कार्य करते है । RX इनकमिंग कॉल के दौरान फ्रिक्वेंसी को फिल्टर करता है तथा TX Outgoing कॉल के दौरान Frequency को फिल्टर करता है । RX और TX के खराब होने पर नेटवर्क संबंधित थोडी खराबियाँ आती है । RX के खराब होने पर इनकमिंग कॉल के दौरान मोबाइल फोन में नेटवर्क प्रॉब्लेम्स होने लगती है । और TX के खराब होने पर Outgoing कॉल के दौरान मोबाइल फोन में नेटवर्क प्रॉब्लेम्स होने लगती है ।
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VCO (वोल्टेज कंट्रॉलर्ड ऑसीलेटर)
यह अक्सर PCB पर नेटवर्क सेक्शन में नेटवर्क IC के आस-पास लगा होता है । इसे Voltage Controlled Oscillator कहा जाता है । इसका काम VCO द्वारा यह Radio Frequency IC और CPU को Date और Time आदि को Send करता है । यह RF IC और सीपीयु को Voltage भेजता है । और VCO सीपीयु से Command लेने के बाद Frequency को Create करता है । Network IC के खराब होने पर नेटवर्क संबंधित खराबियाँ आती है । जैसे मोबाइल में नेटवर्क नही आना । और मोबाइल के डिस्प्ले स्क्रीन पर ‘Call Failed’ या ‘Call End’ का Message लिखा आता है ।
Android mobile me battery fast charge kaise karte hai..?
CPU (Central Processing Unit – सेन्ट्रल प्रोसेसिंग युनिट)
किसी भी मोबाइल की PCB पर लगा CPU उस मोबाइल का ब्रेन होता है । CPU मोबाइल फोन के सभी कार्यों को Control करता है । PCB पर CPU सबसे अलग IC होती है जिससे इसे आसानी से पहचाना जा सकता है । इसे UPP के नाम से भी जाना जाता है । CPU मोबाइल की PCB पर Power Section में लगा होता है । यह PCB पर आकार में सबसे बड़ी IC होती है । यह अक्सर वर्गाकार होता है और अधिकतर मोबाइल में इस IC के चारो Corner गोल होते है । मोबाइल फोन पर सभी Sections के कार्यो को CPU द्वारा Control किया जाता है । मोबाइल फोन PCB पर सभी पार्ट्स का अपना एक अलग Section बना होता है लेकिन PCB को मुख्य दो Section में ही बांटा गया है Network और Power Section. मोबाइल में CPU के खराब होने पर यह खराबियाँ आती है ।
1. मोबाइल पुरा बंद होना ।
2. Keypad Button का Work नही करना ।
3. डिस्प्ले स्क्रीन पर कुछ भी नही आना ।
फ्रि मे मोबाइल रिपेरींग सीखे
पावर IC का काम है मोबाइल के प्रत्येक विभाग को सप्लाई देना। पावर IC से सिम कार्ड भी जुडा होता है। सिम की सूचना पावर IC को ही दी जाती है। अर्थात किसी मोबाइल में यदि Insert Sim का Fault है तो इसका कारण सिम IC भी हो सकती है।
चार्जिंग IC
मोबाइल मे लगी बैटरी को चार्ज करना चार्जिंग IC का काम है। पहले चार्जिंग IC को Fuse और Coil द्वारा 7.2 v Dc चार्जर से दिया जाता है। तब चार्जिंग IC से 3.2 v Dc निकलता है जो बैटरी कनेक्टर को जाता है जिसकी मदत से बैटरी चार्ज होती है। सभी चार्जिंग IC से 3.2 v Dc ही निकले जरुरी नही यह Voltage कम भी हो सकता है।
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कोबा IC
स्पीकर, माइक तथा handsfree को चलाने का काम कोबा IC करती है। कोबा IC को काम करने के लिये पावर IC की मदत की जरुरत होती है। क्योकी पावर IC से ही सप्लाई आता है। कोबा IC की खराबी से मोबाइल मे स्पीकर, माइक तथा handsfree की समस्या होती है।
लॉजिक IC
लॉजिक IC वायब्रेटर रिंगर तथा LED को ऑपरेट करती है। इस IC को काम करने के लिये बैटरी के +ve से डायरेक्ट सप्लाई आता है। इस IC मे 20 पिन है जिसमे से कोबा IC Pin no. 1 को बैटरी के +ve से डायरेक्ट सप्लाई आता है।
Pin No. 6 रिंगर को जाता है।
Pin No. 9 डिसप्ले LED को जाता है।
Pin No. 16 वायब्रेटर को जाता है।
मोबाइल फोन का ब्लॉक डायग्राम और मोबाइल पार्ट्स के फुल फॉर्म जानिये
पीएफओ IC
इस IC का काम कमजोर नेटवर्क सिग्नल को मजबूत करना है इसलिए इसे नेटवर्क एम्पली फायर IC कहते है। इस IC को काम करने के लिये बैटरी के +ve से डायरेक्ट सप्लाई आता है। और HAGAR IC से नेटवर्क सिग्नल कमजोर आता है जिसे PFO IC मजबूत करता है। PFO IC शोर्ट हो जाये तो मोबाइल बंद हो जाता है क्योकी PFO IC शोर्ट होने पर बैटरी की सप्लाई Zero हो जाती है और पावर IC की भी सप्लाई Zero हो जाती है।
नेटवर्क जनरेटर IC - HAGAR IC
यह IC मोबाइल मे नेटवर्क लाने मै मदत करती है। इसलिए इसे नेटवर्क जनरेटर IC कहते है। इसे काम करने के लिए पावर IC से ही सप्लाई आता है। और Antina से RF सिग्नल तथा कोबा IC से AF सिग्नल आता है। दोनो को मिलाकर IF सिग्नल बनाया जाता है। ये कमजोर नेटवर्क होता है। उसे मजबूत कारने के लिए PFO IC को दिया जाता है।
CDMA क्या है? CDMA v/s GSM का Difrent
फ्लॅश IC
इस IC का काम है मोबाइल मै लोड होने वाले प्रोग्राम को पहचानना जिसे हम रेकगनाइज कहते है। क्योकी मोबाइल मे लोड होने वाले प्रोग्राम FLASH IC द्वारा पहचाने जाते है। FLASH IC को काम करने के लिए पावर IC से सप्लाई आता है।
रॅम IC
RAM IC लोड प्रोग्राम को याद रखने का काम करता है। जैसे Contact, call Resistor, Massage इत्यादी को लोड करना।
VOLTE ,GPRS ,GPS ,Wi-Fi , Bluetooth और Wap के बारे मे पुरी जानकारी
Non Electrolytic Capacitor (नॉन इलेक्ट्रॉलायटिक कैपेसिटर)
इस कैपेसिटर को साधारण कैपेसिटर, नॉन पॉलर कैपेसिटर के नाम से भी जाना जाता है मोबाइल के PCB पर यह ज्यादातर सभी पार्ट्स सेक्शन में लगे होते है खासकर नेटवर्क सेक्शन में यह अन्य सेक्शन की तुलना बहुत अधिक लगें होते है । कई टेक्निशियन इसे PF भी बोलते है । नॉन इलेक्ट्रॉलायटिक कैपेसिटर PCB प्लेट पर हल्के काले, पीले और भुरें कलर के होते है, इनकी दोनों साइड की स्ट्रीप सफेद कलर की होती है । ये कैपेसिटर Resistance से थोड़े बड़े होते है पर इलेक्ट्रॉलायटिक कैपेसिटर इससे कई ज्यादा बड़े होते है । इनका कार्य सिग्नल फिल्टर और DC (Direct Current) को करना होता है । ये कैपेसिटर खराब होने पर मोबाइल के PCB पर थोडे प्रॉब्लेम आते है । जैसे खराब हुआ नॉन इलेक्ट्रॉलायटिक कैपेसिटर जिस पार्ट्स से जुड़ा हुआ था उसे DC करेन्ट और ट्रॅक सिग्नल ना मिलने के कारण वो काम करना बंद कर देता है ।
मोबाईल फोन के एक से चार जनरेशन कि जानकारी
Electrolytic Capacitor (इलेक्ट्रॉलायटिक कैपेसिटर)
इस कैपेसिटर को पॉलर कैपेसिटर के नाम से भी जाना जाता है यह मोबाइल के PCB पर अक्सर किसी भी सेक्शन में लगा हो सकता है लेकिन अधिकतर सेट्स में यह बैटरी कनेक्टर के आस पास ही लगा होता है । कई टेक्निशियन इसे फिल्टर भी बोलते है । इलेक्ट्रॉलायटिक कैपेसिटर PCB प्लेट पर दो कलर में मिलता है काले और पीलें कलर में । इस कैपेसिटर के कालें कलर के साथ सफेद स्ट्रीप होती है और पीले के साथ भुरी स्ट्रीप बनी होती है ये नॉन इलेक्ट्रॉलायटिक कैपेसिटर से कई ज्यादा बड़ा होता है । इनके निम्न कार्य करंट को फिल्टर करना और स्टोर करना होते है । ये कैपेसिटर खराब होने पर मोबाइल के PCB पर थोडे प्रॉब्लेम आते है । जैसे इलेक्ट्रॉलायटिक कैपेसिटर खराब होने पर इससे संबंधित जुड़े सभी पार्ट्स को करंट ना मिलने पार्ट्स काम करना बंद कर सकते है ।
मोबाइल अपडेट कैसे करे - हिंदी में टिप्स
Boost Coil (कॉइल)
अधिकतर मोबाइल के डिस्प्ले में लगी लाइट को करेन्ट बडकर मिलना Boost Coil द्वारा ही होता है । ये खराब होने पर डिस्प्ले स्क्रीन में लाइट नही जल पाती है क्योंकि उसे करेन्ट नही मिल पा रहा है । PCB पर इसकी पहचान करना बहुत ही आसान है PCB पर इसकी पहचान इस प्रकार से कर सकते है । सामान्यता: यह कॉइल से कई गुना बड़ी होती है । PCB पर यह एक बटन की तरह दिखाई देती है । इसका रंग काला होता है । Boost Coil का काम Current Voltage को फिल्टर करना । और Current Voltage को अधिक करके फिल्टर करना । Boost Coil के खराब हो जाने पर इससें Connected पार्ट को करेन्ट वॉल्टेज जितना चाहियें उतना ना मिल पाने के कारण proper work करना बंद कर देता है या खराब हो जाता है ।
RX और TX Filter
RX और TX Filter दोनों ही मोबाइल के PCB पर नेटवर्क सेक्शन लगें होते है । ये अक्सर Incoming और Outgoing Frequency को फिल्टर करने का कार्य करते है । RX इनकमिंग कॉल के दौरान फ्रिक्वेंसी को फिल्टर करता है तथा TX Outgoing कॉल के दौरान Frequency को फिल्टर करता है । RX और TX के खराब होने पर नेटवर्क संबंधित थोडी खराबियाँ आती है । RX के खराब होने पर इनकमिंग कॉल के दौरान मोबाइल फोन में नेटवर्क प्रॉब्लेम्स होने लगती है । और TX के खराब होने पर Outgoing कॉल के दौरान मोबाइल फोन में नेटवर्क प्रॉब्लेम्स होने लगती है ।
इन्टरनेट (गूगल ) से पैसे कैसे कमाए - सारी जानकारी हिंदी में
VCO (वोल्टेज कंट्रॉलर्ड ऑसीलेटर)
यह अक्सर PCB पर नेटवर्क सेक्शन में नेटवर्क IC के आस-पास लगा होता है । इसे Voltage Controlled Oscillator कहा जाता है । इसका काम VCO द्वारा यह Radio Frequency IC और CPU को Date और Time आदि को Send करता है । यह RF IC और सीपीयु को Voltage भेजता है । और VCO सीपीयु से Command लेने के बाद Frequency को Create करता है । Network IC के खराब होने पर नेटवर्क संबंधित खराबियाँ आती है । जैसे मोबाइल में नेटवर्क नही आना । और मोबाइल के डिस्प्ले स्क्रीन पर ‘Call Failed’ या ‘Call End’ का Message लिखा आता है ।
Android mobile me battery fast charge kaise karte hai..?
CPU (Central Processing Unit – सेन्ट्रल प्रोसेसिंग युनिट)
किसी भी मोबाइल की PCB पर लगा CPU उस मोबाइल का ब्रेन होता है । CPU मोबाइल फोन के सभी कार्यों को Control करता है । PCB पर CPU सबसे अलग IC होती है जिससे इसे आसानी से पहचाना जा सकता है । इसे UPP के नाम से भी जाना जाता है । CPU मोबाइल की PCB पर Power Section में लगा होता है । यह PCB पर आकार में सबसे बड़ी IC होती है । यह अक्सर वर्गाकार होता है और अधिकतर मोबाइल में इस IC के चारो Corner गोल होते है । मोबाइल फोन पर सभी Sections के कार्यो को CPU द्वारा Control किया जाता है । मोबाइल फोन PCB पर सभी पार्ट्स का अपना एक अलग Section बना होता है लेकिन PCB को मुख्य दो Section में ही बांटा गया है Network और Power Section. मोबाइल में CPU के खराब होने पर यह खराबियाँ आती है ।
1. मोबाइल पुरा बंद होना ।
2. Keypad Button का Work नही करना ।
3. डिस्प्ले स्क्रीन पर कुछ भी नही आना ।
फ्रि मे मोबाइल रिपेरींग सीखे
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